अरुण और नीतू दोनों की आंखों से मानों आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा हो।और दोनों हमेशा के लिए अरुण और नीतू दोनों की आंखों से मानों आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा हो।और दोनों हमेशा...
दूसरी तरफ पुलिस चौकी के सामनेरहमान , अख़बार वाला ! दूसरी तरफ पुलिस चौकी के सामनेरहमान , अख़बार वाला !
अब तो धुएँ पे भी देखो जमकर के रोटियाँ सेकी जा रही है। अब तो धुएँ पे भी देखो जमकर के रोटियाँ सेकी जा रही है।
मैं सोचने लगा ये क्या ये तो फिर वही बात हो गई। मैं सोचने लगा ये क्या ये तो फिर वही बात हो गई।
मानी नहीं उसकी कोई बात बदजुबानी पर मैं अड़ गया मानी नहीं उसकी कोई बात बदजुबानी पर मैं अड़ गया
लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे। लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे।